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लोकसभा के पहले सत्र में सरकार को घेरेगा विपक्ष:NEET, अग्निवीर और शेयर बाजार रहेंगे मुद्दा; तीनों पर सरकार फिलहाल बैकफुट पर
नई दिल्ली7 दिन पहलेलेखक: मुकेश कौशिक
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राहुल गांधी ने पेपर लीक मुद्दे पर 20 जून को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें पीएम मोदी पर भी निशाना साधा था। - Dainik Bhaskar
राहुल गांधी ने पेपर लीक मुद्दे पर 20 जून को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें पीएम मोदी पर भी निशाना साधा था।

आम चुनाव में ताकत बढ़ने के बाद विपक्ष 24 जून से शुरू हो रहे लोकसभा के पहले ही सत्र में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में है। I.N.D.I.A ब्लॉक की रणनीति सामूहिक ताकत दिखाने की है।

फोकस तीन मुद्दों NEET, अग्निवीर योजना और एग्जिट पोल से शेयर बाजार में उथल-पुथल से करोड़ों रुपए इधर से उधर होने पर रहेगा। इन तीनों मुद्दों पर सरकार बैकफुट पर है। भाजपा के सहयोगी दल भी NEET और अग्निवीर को लेकर अलग खड़े दिख रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इन तीनों मुद्दों पर विपक्ष को पूरी तरह साथ लेकर चलने की रणनीति अपनाएगी। मोदी सरकारी लोकसभा में घटी हुई ताकत को देखते हुए विपक्षी दल नीट और अग्निवीर जैसे मामलों से उपजे जनाक्रोश को जोर शोर से सदन में प्रकट करना चाहते हैं।

वहीं, भाजपा और उसके सहयोगी दल सदन में सकारात्मक चर्चा को लेकर माहौल बनाने के रास्ते पर चलते दिखाई दे रहे हैं। दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के माध्यम से मोदी सरकार अपने अगले 5 साल के एजेंडे की झलक देगी।

मोदी 3.0- अपनी ताकत दिखाएगा I.N.D.I.A ब्लॉक
नीट परीक्षा- इंडिया गठबंधन इस विवाद को लेकर संसद में सरकार से दो-दो हाथ करने लिए के मुस्तैद है। समझा जाता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग करेंगे।

अग्निवीर- अपने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने ऐलान किया था कि सत्ता में आने पर इस योजना को समाप्त किया जाएगा। कांग्रेस अब इसे संसद का सबसे अहम मुद्दा बनाने की तैयारी में है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बार बार दिलासा देते रहे हैं कि जरूरत पडने पर योजना में संशोधन किए जा सकते हैं।

शेयर मार्केट- शेयर बाजार से जुड़े 16 करोड़ निवेशकों की भावनाओं को सहलाने के लिए विपक्ष चुनाव नतीजों के आने से पहले सेंसेक्स में आई तेजी और फिर बाजार गिरने को एक सुनियोजित स्कैम के तौर पर देख रहा है। राहुल इस मामले में संयुक्त संसदीय जांच समिति गठित करने की मांग कर चुके हैं।

राहुल ने कहा- मोदी पेपर लीक नहीं रोक पा रहे, 56 इंच का सीना अब 32-35 हो गया
NEET और NET-UGC एग्जाम विवाद पर राहुल गांधी ने गुरुवार 20 जून को पीएम नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला किया। कहा कि कुछ कारणों से नरेंद्र मोदी भारत में पेपर लीक नहीं रोक पा रहे या रोकना नहीं चाह रहे हैं।

राहुल ने ये भी कहा- पेपर लीक के पीछे कारण यह है कि एजुकेशन सिस्टम को भाजपा के पेरेंट ऑर्गनाइजेशन ने कैप्चर कर लिया है। जब तक इसे पलटा नहीं जाएगा, तब तक पेपर लीक जारी रहेगा। मोदी जी ने यह होने दिया है, जो कि एंटी-नेशनल एक्टिविटी है। पहले पीएम का 56 इंच का सीना था, अब 32-35 हो गया है।

राहुल ने कहा देखिए दो-तीन चीजें हैं। सबसे पहले जो शिक्षा का सिस्टम है उसे एक संगठन ने कैप्चर कर रखा है। ये हर पोस्ट पर अपने ही लोगों को डालते हैं। वाइस चांसलर्स की लिस्ट निकाल लीजिए पता लग जाएगा, तो इसको रिवर्स करना होगा।

दूसरी बात कांग्रेस के मेनिफेस्टो में हमने साफ कहा था कि पेपर लीक होने के बाद सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके पहले जो सिस्टम्स हैं, यूनिवर्सिटी के जो रूल्स हैं, इनको स्टडी करके रिडिजाइन करना पड़ेगा। ये दोनों काम हमने अपने मेनिफेस्टो में साफ लिखे हैं और दबाव डालकर ये काम सरकार से करवाना है। पूरी खबर पढ़ें...

भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर नियुक्त, नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे
18वीं लोकसभा के 24 जून से शुरू होने वाले पहले सत्र से पहले 20 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के आर्टिकल 95 (1) के तहत ओडिशा के कटक से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। वे संसद में नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे। सत्र में इसमें लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा।

भर्तृहरि महताब कटक से सात बार के सांसद हैं। वे इस साल मार्च में ही BJD छोड़कर BJP में शामिल हुए हैं। 2017 में लोकसभा में होने वाली चर्चाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड से नवाजा गया था। वे 543 नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण दो दिन तक चल सकता है। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। तब तक लोकसभा चलाने की जिम्मेदारी भर्तृहरि ​​​​की होगी।

इसके अलावा राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 99 के तहत लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की मदद करने के लिए सुरेश कोडिकुन्निल, थलिक्कोट्टई राजुथेवर बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को नियुक्त किया है। पूरी खबर पढ़ें...

INDIA गुट स्पीकर पद के लिए दावेदारी पेश कर सकता है
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा। 26 जून से लोकसभा स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसी खबरें हैं कि भाजपा ओम बिड़ला को दूसरी बार स्पीकर बना सकती है। जबकि भाजपा की सहयोगी पार्टियां- चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU- भी स्पीकर पद मांग रही हैं।

इधर विपक्षी खेमा I.N.D.I.A गुट भी लोकसभा में मजबूत स्थिति में है। ऐसे में उसे उम्मीद है कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष के किसी सांसद को मिलेगा। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर विपक्ष के सांसद को डिप्टी स्पीकर पद नहीं मिलता है तो विपक्षी खेमा स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारेगा।

डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परम्परा रही है। 16वीं लोकसभा में NDA में शामिल रहे अन्नाद्रमुक के थंबीदुरई को यह पद दिया गया था। जबकि, 17वीं लोकसभा में किसी को भी डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया गया था। पूरी खबर पढ़ें...

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निर्विरोध स्पीकर के लिए विपक्ष को डिप्टी-स्पीकर पद दे सकती है सरकार, लेकिन वह गैर कांग्रेसी हो

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (18 जून) को अपने दिल्ली वाले घर पर NDA के सीनियर लीडर्स के साथ मीटिंग की। इसमें 24 जून से शुरू हो रहे संसद के पहले सत्र की रणनीति पर चर्चा हुई। इस सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अगले 5 साल के लिए NDA सरकार के नजरिए को बताएंगी। एजेंसी के मुताबिक, बैठक में रक्षा मंत्री ने 27 जून को होने वाली संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए मंत्रियों से सुझाव मांगे हैं। इसके साथ ही 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार के नाम पर चर्चा की गई। पूरी खबर पढ़ें...

TDP स्पीकर ने एक पर्ची से गिरवा दी थी वाजपेयी-सरकार, स्पीकर पद क्यों चाहते हैं नीतीश-नायडू

1999 में स्पीकर ने विशेष अधिकार का इस्तेमाल किया और एक वोट से अटल सरकार गिर गई थी। ये एक उदाहरण स्पीकर पद की अहमियत बताने के लिए काफी है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद ये पद एक बार फिर चर्चा में है। नतीजों में BJP को बहुमत नहीं मिला। वो चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU के सहारे सरकार बनाने जा रही है।

इस बीच खबरें आ रही हैं कि दोनों ही पार्टियां स्पीकर पद के लिए अड़ी हैं। स्पीकर का पद कितना ताकतवर होता है; सहयोगी दलों को सांसद टूटने का डर या कोई और वजह, आखिर क्यों बनाना चाहते हैं अपना स्पीकर…पूरी खबर पढ़ें...

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