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8 राज्यों की 58 सीटों पर वोटिंग आज:मनोज तिवारी, कन्हैया कुमार और मेनका गांधी मैदान में, पूर्व हाईकोर्ट जज भी चुनाव लड़ रहे
नई दिल्ली28 दिन पहले
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बिहार में 2 लाख जीविका दीदियों ने मेहंदी के जरिए वोटिंग अवेयरनेस ड्राइव चलाई। - Dainik Bhaskar
बिहार में 2 लाख जीविका दीदियों ने मेहंदी के जरिए वोटिंग अवेयरनेस ड्राइव चलाई।

2024 लोकसभा चुनाव के छठे फेज में शनिवार (25 मई) को 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की 58 सीटों पर वोटिंग होगी।

जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर तीसरे फेज में चुनाव होना था, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था। अब यहां छठे फेज में वोटिंग हो रही है।

2019 में इन सीटों पर सबसे ज्यादा भाजपा 40, बसपा 4, ‌BJD 4, सपा 1, JDU 3, TMC 3, LJP 1, आजसू 1 सीट जीती थीं। कांग्रेस और AAP अपना खाता भी नहीं खोल सकी थीं।

इस फेज में 3 केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कृष्ण पाल सिंह गुर्जर और राव इंद्रजीत सिंह मैदान में हैं। 3 पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, मनोहर लाल ख‌ट्‌टर और जगदंबिका पाल भी चुनाव लड़ रहे हैं।

इनके अलावा मनोज तिवारी, मेनका गांधी, नवीन जिंदल, बांसुरी स्वराज, संबित पात्रा, राज बब्बर, निरहुआ भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

चुनाव आयोग के मुताबिक, इलेक्शन के छठे फेज में 889 कैंडिडेट्स चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें 797 पुरुष और 92 महिला उम्मीदवार हैं।

इस फेज में सबसे अमीर प्रत्याशी हरियाणा के कुरुक्षेत्र सीट से भाजपा उम्मीदवार नवीन जिंदल हैं। उनके पास 1241 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

543 लोकसभा सीटों में पांचवे फेज तक 429 सीटों पर मतदान हो गया है। 25 मई तक कुल 487 सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा। आखिरी और सातवें फेज में 56 सीटों पर वोटिंग होगी।

183 कैंडिडेट्स पर क्रिमिनल केस, 141 ने किए हत्या-किडनैपिंग जैसे गंभीर अपराध
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 183 कैंडिडेट ऐसे हैं, जिन पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। वहीं 141 उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें से 12 उम्मीदवारों को किसी न किसी मामले में दोषी ठहराया गया है। 6 उम्मीदवारों पर हत्या और 21 पर हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 24 उम्मीदवारों पर दर्ज हैं। 3 उम्मीदवारों के खिलाफ दुष्कर्म (IPC-376) का केस दर्ज है। वहीं, 16 कैंडिडेट्स पर भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज है।

39% उम्मीदवार करोड़पति, भाजपा के सबसे ज्यादा 48
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 889 उम्मीदवारों में से 39 फीसदी यानी 343 करोड़पति हैं। इन कैंडिडेट्स के पास औसत संपत्ति 6.21 करोड़ रुपए है। सबसे ज्यादा भाजपा के 48 उम्मीदवार करोड़पति हैं। कांग्रेस से BJP में आए नवीन जिंदल सबसे अमीर कैंडिडेट हैं। उनके पास 1241 करोड़ की संपत्ति है।

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर संतृप्त मिश्रा (482 करोड़ रुपए) और तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सुशील गुप्ता (169 करोड़ रुपए) हैं। बीजू जनता दल के सभी 6 कैंडिडेट, RJD और JDU के सभी 4 कैंडिडेट, सपा के 11, TMC के 7, कांग्रेस के 20 और आम आदमी पार्टी के 4 कैंडिडेटस की संपत्ति एक करोड़ या उससे ज्यादा है।

सबसे कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों में SUCIC (C) के उम्मीदवार रामकुमार यादव का नाम है। उनके पास 1686 रुपए की संपत्ति है। वहीं, रोहतक से निर्दलीय उम्मीदवार मास्टर रणधीर सिंह के पास संपत्ति के नाम पर महज 2 रुपए हैं।

छठे चरण में 3 मुख्यमंत्री, 3 केंद्रीय मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं...

छठे चरण की हॉट सीटें, जिन पर रहेगी नजर...

1. नई दिल्ली

दिवंगत नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं, 15 साल का अनुभव रखती हैं। खुद PM मोदी ने इनके नाम का सुझाव दिया था। उनका सामना आम आदमी पार्टी के 3 बार विधायक रह चुके सोमनाथ भारती से है, पेशे से सोमनाथ भी वकील हैं।

2. नॉर्थ दिल्ली

BJP-कांग्रेस में नॉर्थ दिल्ली में सीधा मुकाबला है, लेकिन दो बार के सांसद मनोज तिवारी का पलड़ा भारी है। कन्हैया इससे पहले 2019 का चुनाव हार चुके हैं। तब उन्होंने बेगूसराय से CPI की टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, इसके बाद कन्हैया कांग्रेस से जुड़ गए। कन्हैया पर देश विरोधी नारों की छाप लगी है।

3. सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश

सुल्तानपुर सीट पर जातीय समीकरण चुनाव पलट सकते हैं। पिछले दोनों चुनावों में BJP ने यहां जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार निषाद और कुर्मी वोट काटने के लिए सपा-बसपा ने अपने प्रत्याशी इन दोनों समुदायों के ही उतारे हैं। इससे BJP की लय बिगड़ने के आसार हैं। हालांकि 8 बार सांसद रह चुकी मेनका जातीय समीकरण को काटने का माद्दा रखती हैं।

4. आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

आजमगढ़ सीट पर निरहुआ और धर्मेद्र यादव दूसरी बार आमने-सामने हैं। 2022 बाइपोल में मिली जीत से निरहुआ का कॉन्फिडेंस हाई है, लेकिन गुड्‌डू जमाली के सपा में जाने से निरहुआ की राह मुश्किल हो सकती है। उधर, अखिलेश के भाई धर्मेंद्र को सपा के साथ इंडी गठबंधन का भी सपोर्ट मिल रहा है। आजमगढ़ में सपा के लिए नाक बचाने की लड़ाई है। परिवार की सीट को वापस पाने के लिए पूरा यादव कुनबा एक्टिव है।

5. डुमरियागंज, उत्तर प्रदेश

डुमरियागंज सीट से भाजपा ने पूर्व CM जगदंबिका पाल को पांचवीं बार चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व CM इसी सीट पर बतौर कांग्रेस प्रत्याशी जीत चुके हैं, लेकिन 2014 में चुनाव से पहले BJP जॉइन कर ली थी। बसपा ने नदीम और सपा ने इंडी गठबंधन से सीट शेयरिंग के तहत भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी को टिकट दिया है।

6. कुरुक्षेत्र, हरियाणा

10 साल के ब्रेक के बाद दूसरी पारी की शुरुआत कर रहे नवीन जिंदल के लिए इस सीट पर BJP को जीत दिलाना बड़ी चुनौती है। नवीन का मुकाबाल आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता और इनेलो के अभय सिंह चौटाला से है। कांग्रेस छोड़ BJP में आए जिंदल की जीत के साथ पार्टी यहां जीत की हैट्रिक लगा सकती है।

7. गुड़गांव, हरियाणा

पंजाबी और मुस्लिम बहुल गुड़गांव में इस बार कांग्रेस-BJP में सीधी टक्कर है। एक तरफ राज बब्बर का स्टारडम है, तो वहीं दूसरी तरफ BJP को गुटबाजी से नुकसान का डर। 2019 के चुनाव में राव इंद्रजीत ने कांग्रेस के कैप्टन अजय सिंह को 4.95 लाख वोटों से हराया था। लेकिन 3 बार के सांसद के सामने कांग्रेस के अलावा जेजेपी के राहुल यादव भी हैं।

8. करनाल, हरियाणा

चुनाव से ठीक पहले, CM चेहरा बदलने से भी विपक्ष को आक्रामक होने का मौका मिल गया। दिव्यांशु का यह पहला ही चुनाव है, लेकिन उन्हें नेताओं की गुटबाजी से जूझना पड़ रहा है। पिछली बार भाजपा सांसदों के विनिंग मार्जिन के लिहाज से करनाल सीट देश में दूसरे नंबर पर रही थी। BJP ने यहां 6 लाख वोटों से ज्यादा से जीत दर्ज की थी।

9. फरीदाबाद, हरियाणा

इस सीट पर अब तक हुए चुनावों में 6 बार कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि 5 बार भारतीय जनता पार्टी को। मौजूदा सरकार में केंद्रीय मंत्री गुर्जर के पास हैट्रिक का मौका है। दोनों बड़ी पार्टियों ने जाटों के दबदबे वाली सीट पर गुर्जर उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। कांग्रेस की तरफ से चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह कृष्णपाल को टक्कर देंगे। हालांकि महेंद्र और कृष्णपाल 20 साल पहले विधानसभा चुनाव में भी प्रतिद्वंद्वी रह चुके हैं।

10. अनंतनाग-राजौरी, जम्मू कश्मीर

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। अनंतनाग-राजौरी सीट पर पहले तीसरे फेज में वोटिंग होनी थी, लेकिन बाद में इसे छठे फेज के लिए शेड्यूल कर दिया गया। इस बार PDP चीफ और पूर्व CM महबूबा मुफ्ती की साख दांव पर है। हालांकि, यहां महबूबा से ज्यादा मियां अल्ताफ का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

11. संबलपुर, ओडिशा

ओडिशा की संबलपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मैदान में हैं। कांग्रेस ने नागेंद्र कुमार प्रधान और बीजू जनता दल ने प्रणब प्रकाश दास को टिकट दिया है। यह सीट पिछले 3 चुनावों से हर बार दूसरी पार्टी ने जीती है। 2019 के BJP के नितेश गंगा देब ने जीत हासिल की थी। BJD उम्मीदवार नलिनी कांता प्रधान 9162 वोटों से हार गए थे।

12. पुरी, ओडिशा

पुरी सीट को बीजू जनता दल का गढ़ माना जाता है। नेशनल पॉलिटिकल सेलेब्रिटी के तौर पर मशहूर संबित पात्रा और IPS रहे अरूप मोहन की इस सीट पर टक्कर दिलचस्प होगी। हालांकि भगवान जगन्नाथ को लेकर की टिप्पणी से संबित पात्रा की माइनस मार्किंग हो गई है। संबित 2019 में भी मात्र 11 हजार वोटों से यह सीट हार गए थे।

13. सिवान, बिहार

सिवान में हिना शहाब के निर्दलीय चुनाव लड़ने से मुकाबला तीन तरफा हो गया है। वे पिछले 3 चुनाव हार चुकी हैं, लेकिन पति शहाबुद्दीन की मौत के बाद यह पहला चुनाव होगा। JDU ने लक्ष्मी कुशवाहा को टिकट दिया है। RJD हिना से किनारा करके 3 बार के विधायक अवध बिहारी को मैदान में लाई है।

14. तामलुक, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में ममता सरकार की केंद्र सरकार से लगातार हर मुद्दे पर जंग देखने मिली है। चुनावी मैदान में भी यही नजारा है। कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज के खिलाफ TMC ने एक युवा चेहरे को टिकट दिया है। यही सीट अधिकारी बंधुओं के वर्चस्व के लिए भी जानी जाती है। यहां TMC-BJP दोनों के लिए जीतना बेहद अहम है।

ओडिशा में विधानसभा की 42 सीटों पर भी वोटिंग
ओडिशा में शनिवार (25 मई) को 42 विधानसभा सीटों पर भी वोटिंग होगी। 147 विधानसभा सीटों पर चार चरणों में चुनाव हो रहे हैं। 13 मई को 28 सीटों पर और 20 मई को 63 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। इसके बाद आने वाले 1 जून को बाकी 42 सीटों पर वोटिंग होगी। मतगणना लोकसभा चुनावों की काउंटिंग के साथ 4 जून को होगी।

ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD), भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) प्रमुख पार्टियां हैं। राज्य में अभी CM नवीन पटनायक के नेतृत्व में BJD की सरकार है। वो 5 मार्च 2000 से लगातार CM हैं। पटनायक CM पद पर रहने वाले देश के दूसरे सबसे बड़े नेता हैं। वे 24 साल से लगातार पद पर हैं। उनसे आगे सिक्किम के पूर्व CM पवन चामलिंग हैं, जो 24 साल 166 दिन तक CM पद पर रहे।

ओडिशा में 2019 के विधानसभा चुनाव में BJD ने 147 में से 113 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को 23, कांग्रेस को 9, सीपीआई (एम) और निर्दलीय को 1-1 सीटें मिली थीं।

लोकसभा चुनाव 7 फेज में हो रहे, नतीजे 4 जून को आएंगे

देश की 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में होगा। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी जारी की हैं। ओडिशा में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। पूरी खबर पढ़ें ...

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