"ज्योतिरीश्वर ठाकुर" के अवतरणसभमे अन्तर
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ज्योतिरीश्वर ठाकुर, रामेश्वरक पुत्र आ धीरेश्वरक पोता |
ज्योतिरीश्वर ठाकुर, रामेश्वरक पुत्र आ धीरेश्वरक पोता छलाह। मिथिलाक [[कर्णाट वंश]]क राजा [[हरिसिंहदेव]]क दरबारी कवि (सन् १३००-१३२४) छलाह।<ref>Majumdar, Ramesh Chandra; Pusalker, A. D.; Majumdar, A. K., eds. (1960). [[:en:The_History_and_Culture_of_the_Indian_People|''The History and Culture of the Indian People''.]] VI: The Delhi Sultanate. Bombay: Bharatiya Vidya Bhavan.</ref>कर्णाट वंशीय [[तिरहुता|तिरहुत]] [[मिथिला]]क तत्कालिन राजधानी सिम्राैनगढ़मे जिवनकाल बितल छल। |
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कविशेखराचार्य ज्योतिरिश्वर ठाकुर | |
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जन्म | सन् १२९० |
मृत्यु | सन् १३५० सिम्रौनगढ, बारा, नेपाल |
भाषा | संस्कृत, मैथिली |
राष्ट्रियता | नेपाली |
विषय | नाटक, विश्वकोश |
ज्योतिरीश्वर ठाकुर (सन् १२९०–१३५०) एक मैथिली कवि आ नाटककार छी। ओ एक प्रारम्भिक मैथिली आ संस्कृत साहित्यकार छल, जे मैथिलीमे अपन विश्वकोश कृति वर्ण रत्नाकरक लेल जानल जाइत अछि।[१]
जीवन
ज्योतिरीश्वर ठाकुर, रामेश्वरक पुत्र आ धीरेश्वरक पोता छलाह। मिथिलाक कर्णाट वंशक राजा हरिसिंहदेवक दरबारी कवि (सन् १३००-१३२४) छलाह।[२]कर्णाट वंशीय तिरहुत मिथिलाक तत्कालिन राजधानी सिम्राैनगढ़मे जिवनकाल बितल छल।
मुख्य कार्य
धूर्त्त समागम संस्कृत नाटक (सन् १३२५), मैथिली भाषाक पहिल विश्वकोश वा शब्द सङ्ग्रह वर्ण रत्नाकर लेल प्रसिद्ध अछि। ज्योतिरिश्वर प्रथम गद्यकारे नइँ नाटककार सेहो छल।
सन्दर्भ सामग्रीसभ
- ↑ Chatterji S.K. and S.K. Mishra (ed.) (1940). Varṇa Ratnākara of Jyotirīśvara, Bibliotheca Indica, Calcutta: The Asiatic Society.
- ↑ Majumdar, Ramesh Chandra; Pusalker, A. D.; Majumdar, A. K., eds. (1960). The History and Culture of the Indian People. VI: The Delhi Sultanate. Bombay: Bharatiya Vidya Bhavan.