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इंटरनेट: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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'''इंटरनेट''' (अंगरेजी: Internet) आपस में जुड़ल [[कंप्यूटर नेटवर्क]] सभ के बैस्विक सिस्टम हवे जे [[इंटरनेट प्रोटोकाल सूट]] (टीसीपी/आइपी) के इस्तमाल से दुनिया भर के [[कंप्यूटर|कंप्यूटर डिवाइस]] सभ के आपस में जोड़े ला। ई एक तरह से ''नेटवर्क सभ के नेटवर्क'' हवे जेह में लोकल से ले के बैस्विक बिस्तार क्षेत्र वाला प्राइवेट, पब्लिक, एकेडेमिक, ब्यावसायिक आ सरकारी नेटवर्क सभ आपस में इलेक्ट्रानिक, वायरलेस आ ऑप्टिकल टेक्नालॉजी के माध्यम से जुड़ल बाड़ें।
'''इंटरनेट''' ({{Lang-en|Internet}}) आपस में जुड़ल [[कंप्यूटर नेटवर्क]] सभ के बैस्विक सिस्टम हवे जे [[इंटरनेट प्रोटोकाल सूट]] (टीसीपी/आइपी) के इस्तमाल से दुनिया भर के [[कंप्यूटर|कंप्यूटर डिवाइस]] सभ के आपस में जोड़े ला। ई एक तरह से ''नेटवर्क सभ के नेटवर्क'' हवे जेह में लोकल से ले के बैस्विक बिस्तार क्षेत्र वाला प्राइवेट, पब्लिक, एकेडेमिक, ब्यावसायिक आ सरकारी नेटवर्क सभ आपस में इलेक्ट्रानिक, वायरलेस आ ऑप्टिकल टेक्नालॉजी के माध्यम से जुड़ल बाड़ें।


इंटरनेट पर बिबिध प्रकार के [[जानकारी]] [[संसाधन]] मौजूद बाड़ें आ बिबिध तरह के सेवा सभ उपलब्ध करावल जालीं जिनहन में [[वल्ड वाइड वेब]] के आपस-में-जुड़ल हाइपरटेक्स्ट डाकुमेंट आ एप्लीकेशन, [[ई मेल|ई-मेल]], टेलीफोनी, आ फाइल शेयर करे नियर चीज प्रमुख बाड़ी स।
इंटरनेट पर बिबिध प्रकार के [[जानकारी]] [[संसाधन]] मौजूद बाड़ें आ बिबिध तरह के सेवा सभ उपलब्ध करावल जालीं जिनहन में [[वल्ड वाइड वेब]] के आपस-में-जुड़ल हाइपरटेक्स्ट डाकुमेंट आ एप्लीकेशन, [[ई मेल|ई-मेल]], टेलीफोनी, आ फाइल शेयर करे नियर चीज प्रमुख बाड़ी स।
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* '''1971''' दुनिया केर पहिल [[ई मेल|ई-मेल]] अमेरिका के कैंब्रिज नामक स्थान पर रे टॉमलिंसन नामक इंजीनियर ने एक ही कमरे में रखल दो कंप्यूटरों के बीच भेजा रहल।
* '''1971''' दुनिया केर पहिल [[ई मेल|ई-मेल]] अमेरिका के कैंब्रिज नामक स्थान पर रे टॉमलिंसन नामक इंजीनियर ने एक ही कमरे में रखल दो कंप्यूटरों के बीच भेजा रहल।
* '''1979''' में ''ब्रिटिश डाकघर'' पहिल अंतरराष्ट्रीय ''कंप्यूटर नेटवर्क'' बनाय केले नये प्रौद्योगिकी का उपयोग करल चालू किये।
* '''1979''' में ''ब्रिटिश डाकघर'' पहिल अंतरराष्ट्रीय ''कंप्यूटर नेटवर्क'' बनाय केले नये प्रौद्योगिकी का उपयोग करल चालू किये।
* '''1970''' में दुनिया केर पहिल वायरस जेकरा नाम क्रीपर था जो अरपानेट पर खोजा गईल रहे।
* '''1970''' में दुनिया केर पहिल वायरस जेकरा नाम क्रीपर था जो अरपानेट पर खोजा गइल रहे।




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आम आदमी इंटरनेट आ [[वेबसाइट|वेब]] के एकही समझेला बाकी इन्हन में अंतर बाटे। वेब एगो सभसे ढेर इस्तेमाल में आवे वाली इंटरनेट सेवा हवे। वेबसाइट देखे खातिर अलग-अलग [[वेब ब्राउजर]] बनल बाटें जइसे की माइक्रोसॉफ्ट के [[इंटरनेट एक्सप्लोरर]], गूगल के [[गूगल क्रोम|क्रोम]], एपल के सफारी, ऑपेरा, [[मोजिला फायरफॉक्स|मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स]] नियर ढेर सारा ब्राउजर बाने। इन्हन की मदद से देखे वाला आदमी पन्ना-दर-पन्ना जानकारी देख सकत बाटे जेवन एक दुसरा से [[हाइपरटेक्स्ट प्रोटोकॉल]] द्वारा जुड़ल होखे लें।
आम आदमी इंटरनेट आ [[वेबसाइट|वेब]] के एकही समझेला बाकी इन्हन में अंतर बाटे। वेब एगो सभसे ढेर इस्तेमाल में आवे वाली इंटरनेट सेवा हवे। वेबसाइट देखे खातिर अलग-अलग [[वेब ब्राउजर]] बनल बाटें जइसे की माइक्रोसॉफ्ट के [[इंटरनेट एक्सप्लोरर]], गूगल के [[गूगल क्रोम|क्रोम]], एपल के सफारी, ऑपेरा, [[मोजिला फायरफॉक्स|मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स]] नियर ढेर सारा ब्राउजर बाने। इन्हन की मदद से देखे वाला आदमी पन्ना-दर-पन्ना जानकारी देख सकत बाटे जेवन एक दुसरा से [[हाइपरटेक्स्ट प्रोटोकॉल]] द्वारा जुड़ल होखे लें।


वर्ल्ड वाइड वेब ब्राउजर सॉफ्टवेयर, जइसे कि माइक्रोसॉफ्ट के इंटरनेट एक्स्प्लोरर/एज, मोजिला फायरफॉक्स, ऑपेरा, एप्पल के सफारी, आ गूगल के क्रोम इत्यादि प्रयोगकर्ता लोग के ई सुबिधा देवे लें कि ऊ लोग एक वेब पन्ना से दुसरे वेब पन्ना पर [[हाइपरलिंक]] के माध्यम से आवाजाही क सके। ई हाइपरलिंक वेब पन्ना डाकुमेंट के हिस्सा होखे लें आ एक पन्ना से दुसरे ले जाए के कड़ी केरूप में उपलब्ध होखे लें। अइसन डाकुमेंट सभ में डेटा के अउरी दूसर कौनों तरह के कंबिनेशन भी हो सके ला जइसे कि साउंड, पाठ (टेक्स्ट), बीडियो, मल्टीमीडिया आ अउरी कौनों प्रकार के इंटरेक्टिव सामग्री जवन तब रन करे ले जब प्रयोगकर्ता एह कड़ी सभ के क्लिक करे लें या पन्ना के साथ इंटरेक्शन क रहल होखे लें। क्लायंट-साइड के सॉफ्टवेयर में एनीमेशन, गेम ऑफिस एप आ बैज्ञानिक डेमो इत्यादि शामिल हो सके लें। कीवर्ड द्वारा संचालित होखे वाला इंटरनेट रिसर्च भी कइल जा सके ला जेकरा बदे कई गो इंटरनेट सर्च इंजन बाड़ें जइसे कि याहू!, बिंग, गूगल, आ डक-डक-गो। एह तरीका से प्रयोगकर्ता लोग के लगे अपार ऑनलाइन जानकारी तक ले तुरंता (इंस्टैंट) चहुँप संभव होखे ला। छपल किताब, ज्ञानकोश भा मीडिया के तुलना में वर्ल्ड वाइड वेब के इस्तेमाल [[जानकारी]] के बिकेंद्रीकरण (डीसेंट्रलाइजेशन) में बहुते गजब के काम कइले बा।
वर्ल्ड वाइड वेब ब्राउजर सॉफ्टवेयर, जइसे कि माइक्रोसॉफ्ट के इंटरनेट एक्स्प्लोरर/एज, मोजिला फायरफॉक्स, ऑपेरा, एप्पल के सफारी, आ गूगल के क्रोम वगैरह प्रयोगकर्ता लोग के ई सुबिधा देवे लें कि ऊ लोग एक वेब पन्ना से दुसरे वेब पन्ना पर [[हाइपरलिंक]] के माध्यम से आवाजाही क सके। ई हाइपरलिंक वेब पन्ना डाकुमेंट के हिस्सा होखे लें आ एक पन्ना से दुसरे ले जाए के कड़ी केरूप में उपलब्ध होखे लें। अइसन डाकुमेंट सभ में डेटा के अउरी दूसर कौनों तरह के कंबिनेशन भी हो सके ला जइसे कि साउंड, पाठ (टेक्स्ट), बीडियो, मल्टीमीडिया आ अउरी कौनों प्रकार के इंटरेक्टिव सामग्री जवन तब रन करे ले जब प्रयोगकर्ता एह कड़ी सभ के क्लिक करे लें या पन्ना के साथ इंटरेक्शन क रहल होखे लें। क्लायंट-साइड के सॉफ्टवेयर में एनीमेशन, गेम ऑफिस एप आ बैज्ञानिक डेमो वगैरह शामिल हो सके लें। कीवर्ड द्वारा संचालित होखे वाला इंटरनेट रिसर्च भी कइल जा सके ला जेकरा बदे कई गो इंटरनेट सर्च इंजन बाड़ें जइसे कि याहू!, बिंग, गूगल, आ डक-डक-गो। एह तरीका से प्रयोगकर्ता लोग के लगे अपार ऑनलाइन जानकारी तक ले तुरंता (इंस्टैंट) चहुँप संभव होखे ला। छपल किताब, ज्ञानकोश भा मीडिया के तुलना में वर्ल्ड वाइड वेब के इस्तेमाल [[जानकारी]] के बिकेंद्रीकरण (डीसेंट्रलाइजेशन) में बहुते गजब के काम कइले बा।


===संचार===
===संचार===
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{{Main article|कंप्यूटर आ नेटवर्क सर्विलांस}}
{{Main article|कंप्यूटर आ नेटवर्क सर्विलांस}}


कंप्यूटर सर्विलांस के ज्यादातर हिस्सा इंटरनेट पर डेटा आ ट्रैफिक के मॉनिटरिंग के रूप में होला।<ref name="sciam-internet">{{cite news|url=http://www.sciam.com/article.cfm?id=internet-eavesdropping|title=Internet Eavesdropping: A Brave New World of Wiretapping |last=Diffie|first=Whitfield|author2=Susan Landau|date=अगस्त 2008|work=Scientific American|accessdate=2009-03-13}}</ref> अमेरिका में कानूनी रूप से ई प्राबिधान बा कि सगरी फोन काल आ ब्रॉडबैंड ट्रैफिक (ईमेल, वेब ट्रैफिक, इंटरनेट मैसेजिंग इत्यादि) रियल-टाइम मॉनीटर कइल जा सके ला, ई काम फेडरल एजेंसी सभ के दायरा में आवे ला।<ref name="eff-calea-archive">{{cite web|url=http://w2.eff.org/Privacy/Surveillance/CALEA/?f=archive.html |archive-url=https://web.archive.org/web/20081025074518/http://w2.eff.org/Privacy/Surveillance/CALEA/?f=archive.html |url-status=dead|archive-date=2008-10-25 |title=CALEA Archive – Electronic Frontier Foundation |work=इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट) |accessdate=2009-03-14 }}</ref><ref name="eff-calea-summary">{{cite web|url=https://www.eff.org/issues/calea |title=CALEA: The Perils of Wiretapping the Internet |work=इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट) |accessdate=2009-03-14 |url-status=live |archiveurl=https://web.archive.org/web/20090316041313/http://www.eff.org/issues/calea |archivedate=16 मार्च 2009 |df= }}</ref><ref name="eff-calea-faq">{{cite web|url=https://www.eff.org/pages/calea-faq |title=CALEA: Frequently Asked Questions |work=इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट) |accessdate=2009-03-14 |url-status=live |archiveurl=https://web.archive.org/web/20090501072553/http://www.eff.org/pages/calea-faq |archivedate=1 मई 2009 |df= }}</ref> कंप्यूटर नेटवर्क पर डेटा के ट्रैफिक के मॉनिटरिंग के पैकेट कैप्चर कहल जाला। आसान रूप में समझावल जाय त कंप्यूटर सभ आपस में संबाद करे खाती मैसेज सभ के कई छोट-छोट टुकड़ा में बाँट के साझा करे लें जिनहन के पैकेट कहल जाला आ ईहे पैकेट नेटवर्क के जरिये एक जगह से दूसरा जगह ट्रांसफर होलें आ अपना लक्ष्य के जगह पर पहुँच के दुबारा एकट्ठा (असेंबल) हो के संदेस के रूप ले लेलें। पैकेट मॉनिटरिंग में इनहने के पकड़ल जाला जब ई नेटवर्क में जात्रा क रहल होलें। पैकेट कैप्चर अप्लायंस सभ द्वारा इनहन के पकड़ के अन्य प्रोग्राम सभ के मदद से इनहन के सामग्री के जाँच कइल जाला। पैकेट कैप्चर एक तरह से [[जानकारी]] के "एकट्ठा" करे के औजार होला न कि एकर "बिस्लेषण" करे वाला।<ref>{{cite web|url=http://www.baller.com/pdfs/ACE.pdf|archiveurl=https://web.archive.org/web/20120907032500/http://www.baller.com/pdfs/ACE.pdf|title=American Council on Education vs. FCC, Decision, United States Court of Appeals for the District of Columbia Circuit|date=9 जून 2006|accessdate=8 सितंबर 2013|archivedate=7 सितंबर 2012}}</ref>
कंप्यूटर सर्विलांस के ज्यादातर हिस्सा इंटरनेट पर डेटा आ ट्रैफिक के मॉनिटरिंग के रूप में होला।<ref name="sciam-internet">{{cite news|url=http://www.sciam.com/article.cfm?id=internet-eavesdropping|title=Internet Eavesdropping: A Brave New World of Wiretapping |last=Diffie|first=Whitfield|author2=Susan Landau|date=अगस्त 2008|work=Scientific American|accessdate=2009-03-13}}</ref> अमेरिका में कानूनी रूप से ई प्राबिधान बा कि सगरी फोन काल आ ब्रॉडबैंड ट्रैफिक (ईमेल, वेब ट्रैफिक, इंटरनेट मैसेजिंग वगैरह) रियल-टाइम मॉनीटर कइल जा सके ला, ई काम फेडरल एजेंसी सभ के दायरा में आवे ला।<ref name="eff-calea-archive">{{cite web|url=http://w2.eff.org/Privacy/Surveillance/CALEA/?f=archive.html |archive-url=https://web.archive.org/web/20081025074518/http://w2.eff.org/Privacy/Surveillance/CALEA/?f=archive.html |url-status=dead|archive-date=2008-10-25 |title=CALEA Archive – Electronic Frontier Foundation |work=इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट) |accessdate=2009-03-14 }}</ref><ref name="eff-calea-summary">{{cite web|url=https://www.eff.org/issues/calea |title=CALEA: The Perils of Wiretapping the Internet |work=इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट) |accessdate=2009-03-14 |url-status=live |archiveurl=https://web.archive.org/web/20090316041313/http://www.eff.org/issues/calea |archivedate=16 मार्च 2009 |df= }}</ref><ref name="eff-calea-faq">{{cite web|url=https://www.eff.org/pages/calea-faq |title=CALEA: Frequently Asked Questions |work=इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट) |accessdate=2009-03-14 |url-status=live |archiveurl=https://web.archive.org/web/20090501072553/http://www.eff.org/pages/calea-faq |archivedate=1 मई 2009 |df= }}</ref> कंप्यूटर नेटवर्क पर डेटा के ट्रैफिक के मॉनिटरिंग के पैकेट कैप्चर कहल जाला। आसान रूप में समझावल जाय त कंप्यूटर सभ आपस में संबाद करे खाती मैसेज सभ के कई छोट-छोट टुकड़ा में बाँट के साझा करे लें जिनहन के पैकेट कहल जाला आ ईहे पैकेट नेटवर्क के जरिये एक जगह से दूसरा जगह ट्रांसफर होलें आ अपना लक्ष्य के जगह पर पहुँच के दुबारा एकट्ठा (असेंबल) हो के संदेस के रूप ले लेलें। पैकेट मॉनिटरिंग में इनहने के पकड़ल जाला जब ई नेटवर्क में जात्रा क रहल होलें। पैकेट कैप्चर अप्लायंस सभ द्वारा इनहन के पकड़ के अन्य प्रोग्राम सभ के मदद से इनहन के सामग्री के जाँच कइल जाला। पैकेट कैप्चर एक तरह से [[जानकारी]] के "एकट्ठा" करे के औजार होला न कि एकर "बिस्लेषण" करे वाला।<ref>{{cite web|url=http://www.baller.com/pdfs/ACE.pdf|archiveurl=https://web.archive.org/web/20120907032500/http://www.baller.com/pdfs/ACE.pdf|title=American Council on Education vs. FCC, Decision, United States Court of Appeals for the District of Columbia Circuit|date=9 जून 2006|accessdate=8 सितंबर 2013|archivedate=7 सितंबर 2012}}</ref>


पैकेट कैप्चर से एकट्ठा कइल भारी मात्रा में डेटा के अन्य सॉफ्टवेयर द्वारा बिस्लेषण कइल जाला, इनहन में कुछ खास शब्द भा वाक्य सभ के फिल्टर कइल जाला, कुछ खास संदेह वाली वेबसाइट इत्यादि के पहुँच के बिस्लेषण कइल जाला।<ref name="usatoday-chatroom">{{cite news|url=https://www.usatoday.com/tech/news/surveillance/2004-10-11-chatroom-surv_x.htm|title=Government funds chat room surveillance research|last=Hill|first=Michael|date=11 अक्टूबर 2004|agency=Associated Press|publisher=USA Today|accessdate=2009-03-19|url-status=live|archiveurl=https://web.archive.org/web/20100511220550/http://www.usatoday.com/tech/news/surveillance/2004-10-11-chatroom-surv_x.htm|archivedate=11 मई 2010}}</ref>
पैकेट कैप्चर से एकट्ठा कइल भारी मात्रा में डेटा के अन्य सॉफ्टवेयर द्वारा बिस्लेषण कइल जाला, इनहन में कुछ खास शब्द भा वाक्य सभ के फिल्टर कइल जाला, कुछ खास संदेह वाली वेबसाइट वगैरह के पहुँच के बिस्लेषण कइल जाला।<ref name="usatoday-chatroom">{{cite news|url=https://www.usatoday.com/tech/news/surveillance/2004-10-11-chatroom-surv_x.htm|title=Government funds chat room surveillance research|last=Hill|first=Michael|date=11 अक्टूबर 2004|agency=Associated Press|publisher=USA Today|accessdate=2009-03-19|url-status=live|archiveurl=https://web.archive.org/web/20100511220550/http://www.usatoday.com/tech/news/surveillance/2004-10-11-chatroom-surv_x.htm|archivedate=11 मई 2010}}</ref>


== परफार्मेंस ==
== परफार्मेंस ==
As the Internet is a heterogeneous network, the physical characteristics, including for example the [[Bit rate|data transfer rates]] of connections, vary widely. It exhibits [[Emergence#World Wide Web and the Internet|emergent phenomena]] that depend on its large-scale organization.<ref>{{cite journal |last1=Albert |first1=Réka |last2=Jeong |first2=Hawoong |last3=Barabási |first3=Albert-László |title=Diameter of the World-Wide Web |journal=Nature |date=9 September 1999 |volume=401 |issue=6749 |pages=130–131 |doi=10.1038/43601|arxiv=cond-mat/9907038 }}</ref>
देखल जाय तब इंटरनेट एगो हेटरोजीनस (बिबिधता भरल) नेटवर्क हवे एही कारन भौतिक लच्छन सभ, जिनहन में डेटा ट्रांसफर रेट भी शामिल बा, बहुत वैरी करे लें। इंटरनेट इमर्जेंट फेनामेना के उदाहरण हवे जे एकरे बड़हन-पैमाना के संगठन पर डिपेंड करे ला।<ref>{{cite journal |last1=Albert |first1=Réka |last2=Jeong |first2=Hawoong |last3=Barabási |first3=Albert-László |s2cid=4419938 |title=Diameter of the World-Wide Web |journal=Nature |date=9 September 1999 |volume=401 |issue=6749 |pages=130–131 |doi=10.1038/43601|arxiv=cond-mat/9907038 |bibcode=1999Natur.401..130A }}</ref>


=== ट्रैफिक ===
=== ट्रैफिक ===
{{Latest Global Internet traffic}}
{{Latest Global Internet traffic}}
इंटरनेट पर केतना ट्रैफिक (आवाजाही) बाटे ई नापल एक किसिम के कठिन काम बाटे। काहें से कि कौनों अइसन सिंगल प्वाइंट लोकेशन ना बा जहाँ एकरा के नापल जा सके। इंटरनेट एगो मल्टी-टायर वाला आ गैर-हेरारकी वाला टोपोलॉजी वाला चीज हवे। एही से कौनों एगो ख़ास बिंदु ना मिले ला जहाँ से सारा ट्रैफिक गुजरत होखे आ नापल जा सके। तब फिर ट्रैफिक डेटा के अनुमान भर लगावल जा सके ला। ई एस्टीमेट टायर 1 नेटवर्क प्रोवाईडर के पीयरिंग प्वाइंट सभ के एग्रीगेट के आधार पर लगावल जाला, बाकी एह तरीका में बड़हन नेटवर्क प्रोवाईडर सभ के अंदरूनी ट्रैफिक के नापजोख ना संभव हो पावे ला।
The volume of [[Internet traffic]] is difficult to measure, because no single point of measurement exists in the multi-tiered, non-hierarchical topology. Traffic data may be estimated from the aggregate volume through the peering points of the [[Tier 1 network]] providers, but traffic that stays local in large provider networks may not be accounted for.


=== आउटेज ===
=== आउटेज ===
An Internet blackout or outage can be caused by local signalling interruptions. Disruptions of [[submarine communications cable]]s may cause blackouts or slowdowns to large areas, such as in the [[2008 submarine cable disruption]]. Less-developed countries are more vulnerable due to a small number of high-capacity links. Land cables are also vulnerable, as in 2011 when a woman digging for scrap metal severed most connectivity for the nation of Armenia.<ref>{{cite news|agency=The Guardian |url=https://www.theguardian.com/world/2011/apr/06/georgian-woman-cuts-web-access |title=Georgian woman cuts off web access to whole of Armenia |date=6 April 2011 |accessdate=11 April 2012 |url-status=live |archiveurl=https://web.archive.org/web/20130825075603/http://www.theguardian.com/world/2011/apr/06/georgian-woman-cuts-web-access |archivedate=25 August 2013 |df= }}</ref> Internet blackouts affecting almost entire countries can be achieved by governments as a form of [[Internet censorship]], as in the blockage of the [[Internet in Egypt]], whereby approximately 93%<ref name="renesys1">{{cite web| last =Cowie| first =James| title =Egypt Leaves the Internet| publisher =Renesys| url =http://www.renesys.com/blog/2011/01/egypt-leaves-the-internet.shtml| accessdate =28 January 2011| archiveurl =https://web.archive.org/web/20110128080518/http://www.renesys.com/blog/2011/01/egypt-leaves-the-internet.shtml| archivedate =28 January 2011| url-status =dead| df =dmy-all}}</ref> of networks were without access in 2011 in an attempt to stop mobilization for [[Egyptian Revolution of 2011|anti-government protests]].<ref>{{cite news|url=https://www.bbc.co.uk/news/technology-12306041 |work=BBC News |title=Egypt severs internet connection amid growing unrest |date=28 January 2011 |url-status=live |archiveurl=https://web.archive.org/web/20120123164134/http://www.bbc.co.uk/news/technology-12306041 |archivedate=23 January 2012 |df= }}</ref>
इंटरनेट के गायब हो जाये भा डाउन हो जाए के घटना, जेकरा के [[इंटरनेट ब्लैकआउट]] कहल जाला, लोकल सिग्नलिंग में बेवधान के चलते हो सके ला। समुंद्र के भीतर मौजूद केबल सभ के खराबी के कारन बड़हन पैमाना पर इंटरनेट के बंदी हो सके ला चाहे स्लोडाउन हो सके ला। अइसन 2008 में घटना भइल रहल जब समुंद्री केबल सभ के क्षतिग्रस्त हो जाए से इंटरनेट बाधित भइल रहल। कम बिकसित देसन के इंटरनेट डाउन होखे के खतरा बेसी रहे ला काहें से की एहिजे हाई कैपसिटी वाली लिंक के संख्या कम बाटे। जमीन के भीतर बिछल केबल सभ के नोकसान पहुँचे पर अइसन हो सके ला। एगो घटना आर्मीनिया में देखल गइल रहे जब एगो औरत गलती से कबाड़ खनत समय केबिल के नोकसान पहुँचा दिहले रहल आ एकरा चलते लगभग पूरा आर्मेनिया में इंटरनेट ठप हो गइल रहे।<ref>{{cite news|work=The Guardian |url=https://www.theguardian.com/world/2011/apr/06/georgian-woman-cuts-web-access |title=Georgian woman cuts off web access to whole of Armenia |date=6 April 2011 |access-date=11 April 2012 |url-status=live |archive-url=https://web.archive.org/web/20130825075603/http://www.theguardian.com/world/2011/apr/06/georgian-woman-cuts-web-access |archive-date=25 August 2013 }}</ref> पूरा देस ब्यापी इंटरनेट ठप होखे के घटना सरकारी तौर पर भी हो सके ले अगर सरकार द्वारा इंटरनेट के सेंसर कई दिहल जाय। अइसन घटना मिस्र में देखे में आइल जब देस के लगभग 93%<ref name="renesys1">{{cite web| last =Cowie| first =James| title =Egypt Leaves the Internet| publisher =Renesys| url =http://www.renesys.com/blog/2011/01/egypt-leaves-the-internet.shtml| access-date =28 January 2011| archive-url =https://web.archive.org/web/20110128080518/http://www.renesys.com/blog/2011/01/egypt-leaves-the-internet.shtml| archive-date =28 January 2011| url-status =dead}}</ref> oनेटवर्क सभ 2011 में ठप दिहल गइल रहलें जवना से कि सरकार बिरोधी परदरशन पर रोक लगावल जा सके।<ref>{{cite news|url=https://www.bbc.co.uk/news/technology-12306041 |work=BBC News |title=Egypt severs internet connection amid growing unrest |date=28 January 2011 |url-status=live |archive-url=https://web.archive.org/web/20120123164134/http://www.bbc.co.uk/news/technology-12306041 |archive-date=23 January 2012 }}</ref>


=== एनर्जी के इस्तेमाल ===
=== एनर्जी के इस्तेमाल ===
इंटरनेट चलावे में केतना बिजली खर्चा होले एकर अनुमान सभ बहुत बिबाद के बिसय रहल बाड़ें। एगो पियर-रिव्यू जर्नल में छपल रिसर्च-पेपर में 2014 में पछिला एक दशक में छपल लगभग 20,000 के आसपास सामग्री के आधार पर बिजली के खर्चा के आँकड़ा में भारी अंतर देखल गइल आ ई 0.0064 किलोवाट घंटा प्रति गीगाबाइट ट्रांसफर (kWh/GB) से ले के 136 kWh/GB तक के बीचा में अलग-अलग दर्ज कइल गइल।<ref name=":3">{{Cite journal|last=Coroama|first=Vlad C.|last2=Hilty|first2=Lorenz M.|date=February 2014|title=Assessing Internet energy intensity: A review of methods and results|url=http://publicationslist.org/data/lorenz.hilty/ref-218/2014_Coroama_Hilty_Assessing_Internet_Energy_Intensity_AAM.pdf|journal=Environmental Impact Assessment Review|language=en|volume=45|pages=63–68|doi=10.1016/j.eiar.2013.12.004|via=}}</ref> रिसर्च करे वाला लोग एह गड़बड़झाला खातिर मुख्य रूप से संदर्भ के साल के कारन मानल (जइसे कि, एनर्जी एफिशेंसी के कवना तरीका से गिनती में लिहल गइल बा, समय के साथ एह में होखे वाला सुधार के कइसे गिनल गइल बा) आ "अंतिम माथ पर स्थित पर्सनल कंप्यूटर आ सर्वर सभ के गिनती" एह बिस्लेशन में सामिल बा की ना।<ref name=":3" />
इंटरनेट चलावे में केतना बिजली खर्चा होले एकर अनुमान सभ बहुत बिबाद के बिसय रहल बाड़ें। एगो पियर-रिव्यू जर्नल में छपल रिसर्च-पेपर में 2014 में पछिला एक दशक में छपल लगभग 20,000 के आसपास सामग्री के आधार पर बिजली के खर्चा के आँकड़ा में भारी अंतर देखल गइल आ ई 0.0064 किलोवाट घंटा प्रति गीगाबाइट ट्रांसफर (kWh/GB) से ले के 136 kWh/GB तक के बीचा में अलग-अलग दर्ज कइल गइल।<ref name=":3">{{Cite journal|last=Coroama|first=Vlad C.|last2=Hilty|first2=Lorenz M.|date=February 2014|title=Assessing Internet energy intensity: A review of methods and results|url=http://publicationslist.org/data/lorenz.hilty/ref-218/2014_Coroama_Hilty_Assessing_Internet_Energy_Intensity_AAM.pdf|journal=Environmental Impact Assessment Review|language=en|volume=45|pages=63–68|doi=10.1016/j.eiar.2013.12.004|via=}}</ref> रिसर्च करे वाला लोग एह गड़बड़झाला खातिर मुख्य रूप से संदर्भ के साल के कारन मानल (जइसे कि, एनर्जी एफिशेंसी के कवना तरीका से गिनती में लिहल गइल बा, समय के साथ एह में होखे वाला सुधार के कइसे गिनल गइल बा) आ "अंतिम माथ पर स्थित पर्सनल कंप्यूटर आ सर्वर सभ के गिनती" एह बिस्लेशन में सामिल बा की ना।<ref name=":3" />


साल 2011 में एकेडमिक रिसर्चर लोग ई अनुमान लगावल कि इंटरनेट चलावे में खर्चा होखे वाली कुल एनर्जी 170 से 307 GW के बीचा में बाटे जे पूरा मानव जाति द्वारा इस्तेमाल होखे वाली कुल एनर्जी के दू प्रतिशत से कम बाटे। एह इस्टीमेट में जरूरी चीजन के निर्माण, संचालन आ समय-समय पर लगभग 7500 लाख लैपटाप आ एक अरब स्मार्टफोन अउरी 1000 लाक सर्वर सभ के रिप्लेस करे में खर्चा एनर्जी, राउटर आ सेलफोन टावर, ऑप्टिकल स्विच में, वाईफाई ट्रांसमीटर में आ क्लाउड स्टोरेज में होखे वाला सगरी एनर्जी खर्चा के सामिल कइल गइल रहल।<ref>Jim Giles, "Internet responsible for 2 per cent of global energy usage". ''New Scientist'' (Reed Business Information Ltd.), 26 October 2011. {{webarchive|url=https://web.archive.org/web/20141001113334/http://www.newscientist.com/blogs/onepercent/2011/10/307-gw-the-maximum-energy-the.html|date=1 October 2014}},</ref><ref>[http://conferences.sigcomm.org/hotnets/2011/papers/hotnetsX-final56.pdf "The Energy and Emergy of the Internet"] {{webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140810075940/http://conferences.sigcomm.org/hotnets/2011/papers/hotnetsX-final56.pdf |date=10 August 2014 }}, Barath Raghavan (ICSI) and Justin Ma (UC Berkeley), in ''Proceedings of the 10th ACM Workshop on Hot Topics in Networks'', 14–15 November 2011, Cambridge, MA. ACM SIGCOMM. {{ISBN|978-1-4503-1059-8}}</ref> एगो बिना पियर-रिव्यू वाले प्रकाशन में 2018 में छपल [[दि शिफ्ट प्रोजेक्ट]] (कार्पोरेट स्पांसर्ड फ्रांसीसी थिंक टैंक) में बैस्विक डेटा ट्रांसफर आ जरूरी इंफ़्रास्ट्रक्चर के दुनिया के कुल बैस्विक CO<sub>2</sub> एमिशन के लगभग 4% हिस्सेदारी के जानकारी दिहल गइल।<ref>{{cite web|url=https://www.dw.comhttp//www.dw.com/en/is-netflix-bad-for-the-environment-how-streaming-video-contributes-to-climate-change/a-49556716|title=Is Netflix bad for the environment? How streaming video contributes to climate change {{!}} DW {{!}} 11.07.2019|last=Cwienk|first=Jeannette|date=2019-07-11|website=DW.COM|language=en-GB|access-date=2019-07-19}}</ref> एह अध्ययन में इहो बतावल गइल की एह तरीका के डेटा ट्रांसफर में सभसे बेसी लगभग 60% हिस्सेदारी बीडियो स्ट्रीमिंग के रहल जे लगभग 300 मिलियन टन सालाना CO<sub>2</sub> एमिशन खाती जिम्मेदार बा, आ तर्क दिहल गइल कि नया "डिजिटल सोबर बेहवार" में बीडियो फाइल के साइज आ ट्रांसफर पर रेगुलेशन के जरूरत बाटे।<ref>{{cite web|url=https://theshiftproject.org/en/article/unsustainable-use-online-video/|title="Climate crisis: The Unsustainable Use of Online Video" : Our new report|date=2019-07-10|website=The Shift Project|language=en-GB|access-date=2019-07-19|archive-url=https://web.archive.org/web/20190721144259/https://theshiftproject.org/en/article/unsustainable-use-online-video/|archive-date=21 July 2019|url-status=live}}</ref>
साल 2011 में एकेडमिक रिसर्चर लोग ई अनुमान लगावल कि इंटरनेट चलावे में खर्चा होखे वाली कुल एनर्जी 170 से 307 GW के बीचा में बाटे जे पूरा मानव जाति द्वारा इस्तेमाल होखे वाली कुल एनर्जी के दू प्रतिशत से कम बाटे। एह इस्टीमेट में जरूरी चीजन के निर्माण, संचालन आ समय-समय पर लगभग 7500 लाख लैपटाप आ एक अरब स्मार्टफोन अउरी 1000 लाक सर्वर सभ के रिप्लेस करे में खर्चा एनर्जी, राउटर आ सेलफोन टावर, ऑप्टिकल स्विच में, वाईफाई ट्रांसमीटर में आ क्लाउड स्टोरेज में होखे वाला सगरी एनर्जी खर्चा के सामिल कइल गइल रहल।<ref>Jim Giles, "Internet responsible for 2 per cent of global energy usage". ''New Scientist'' (Reed Business Information Ltd.), 26 October 2011. {{Cite web |url=http://www.newscientist.com/blogs/onepercent/2011/10/307-gw-the-maximum-energy-the.html |title=आर्काइव कॉपी के बा |access-date=24 April 2020 |archive-date=1 October 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20141001113334/http://www.newscientist.com/blogs/onepercent/2011/10/307-gw-the-maximum-energy-the.html |url-status=bot: unknown }},</ref><ref>[http://conferences.sigcomm.org/hotnets/2011/papers/hotnetsX-final56.pdf "The Energy and Emergy of the Internet"] {{webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140810075940/http://conferences.sigcomm.org/hotnets/2011/papers/hotnetsX-final56.pdf |date=10 August 2014 }}, Barath Raghavan (ICSI) and Justin Ma (UC Berkeley), in ''Proceedings of the 10th ACM Workshop on Hot Topics in Networks'', 14–15 November 2011, Cambridge, MA. ACM SIGCOMM. {{ISBN|978-1-4503-1059-8}}</ref> एगो बिना पियर-रिव्यू वाले प्रकाशन में 2018 में छपल [[दि शिफ्ट प्रोजेक्ट]] (कार्पोरेट स्पांसर्ड फ्रांसीसी थिंक टैंक) में बैस्विक डेटा ट्रांसफर आ जरूरी इंफ़्रास्ट्रक्चर के दुनिया के कुल बैस्विक CO<sub>2</sub> एमिशन के लगभग 4% हिस्सेदारी के जानकारी दिहल गइल।<ref>{{cite web|url=https://www.dw.comhttp//www.dw.com/en/is-netflix-bad-for-the-environment-how-streaming-video-contributes-to-climate-change/a-49556716|title=Is Netflix bad for the environment? How streaming video contributes to climate change {{!}} DW {{!}} 11.07.2019|last=Cwienk|first=Jeannette|date=2019-07-11|website=DW.COM|language=en-GB|access-date=2019-07-19}}{{Dead link|date=October 2023 |bot=InternetArchiveBot |fix-attempted=yes }}</ref> एह अध्ययन में इहो बतावल गइल की एह तरीका के डेटा ट्रांसफर में सभसे बेसी लगभग 60% हिस्सेदारी बीडियो स्ट्रीमिंग के रहल जे लगभग 300 मिलियन टन सालाना CO<sub>2</sub> एमिशन खाती जिम्मेदार बा, आ तर्क दिहल गइल कि नया "डिजिटल सोबर बेहवार" में बीडियो फाइल के साइज आ ट्रांसफर पर रेगुलेशन के जरूरत बाटे।<ref>{{cite web|url=https://theshiftproject.org/en/article/unsustainable-use-online-video/|title="Climate crisis: The Unsustainable Use of Online Video" : Our new report|date=2019-07-10|website=The Shift Project|language=en-GB|access-date=2019-07-19|archive-url=https://web.archive.org/web/20190721144259/https://theshiftproject.org/en/article/unsustainable-use-online-video/|archive-date=21 July 2019|url-status=live}}</ref>
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00:02, 6 अक्टूबर 2023 ले भइल नया बदलाव

इंटरनेट (अंग्रेजी: Internet) आपस में जुड़ल कंप्यूटर नेटवर्क सभ के बैस्विक सिस्टम हवे जे इंटरनेट प्रोटोकाल सूट (टीसीपी/आइपी) के इस्तमाल से दुनिया भर के कंप्यूटर डिवाइस सभ के आपस में जोड़े ला। ई एक तरह से नेटवर्क सभ के नेटवर्क हवे जेह में लोकल से ले के बैस्विक बिस्तार क्षेत्र वाला प्राइवेट, पब्लिक, एकेडेमिक, ब्यावसायिक आ सरकारी नेटवर्क सभ आपस में इलेक्ट्रानिक, वायरलेस आ ऑप्टिकल टेक्नालॉजी के माध्यम से जुड़ल बाड़ें।

इंटरनेट पर बिबिध प्रकार के जानकारी संसाधन मौजूद बाड़ें आ बिबिध तरह के सेवा सभ उपलब्ध करावल जालीं जिनहन में वल्ड वाइड वेब के आपस-में-जुड़ल हाइपरटेक्स्ट डाकुमेंट आ एप्लीकेशन, ई-मेल, टेलीफोनी, आ फाइल शेयर करे नियर चीज प्रमुख बाड़ी स।

इतिहास

इंटरनेट के सुरुआत पैकेट स्विचिंग की शुरुआत से भइल जौन 1960 की दशक में शुरू भइल रहे। इनहन में सभसे महत्व वाला अर्पानेट (ARPANET) के सुरुआत रहल जेवन एगो रिसर्च की दौरान बनावल नेटवर्क रहे।

अर्पानेट या एआरपीए नेट एगो प्रोजेक्ट की रूप में अमेरिका के कुछ विश्वविद्यालयन के नेटवर्क से जोड़े के काम कइलस आ ई प्रोटोकॉल बनावे के सुरुआत कइलस जेवना से कंप्यूटर नेटवर्कन के नेटवर्क बनावल जा सके। अर्पानेट के पहुँच बढ़ल 1981 में जब नेशनल साइंस फाउन्डेशन आपन कंप्यूटर साइंस नेटवर्क बनवलस। एकरी बाद 1982 में इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट के मानक रूप बनावल गइल।

संक्षिप्त इतिहास

  • 1969 में टिम बर्नर्स ली इंटरनेट बनाये रहल।
  • 1971 दुनिया केर पहिल ई-मेल अमेरिका के कैंब्रिज नामक स्थान पर रे टॉमलिंसन नामक इंजीनियर ने एक ही कमरे में रखल दो कंप्यूटरों के बीच भेजा रहल।
  • 1979 में ब्रिटिश डाकघर पहिल अंतरराष्ट्रीय कंप्यूटर नेटवर्क बनाय केले नये प्रौद्योगिकी का उपयोग करल चालू किये।
  • 1970 में दुनिया केर पहिल वायरस जेकरा नाम क्रीपर था जो अरपानेट पर खोजा गइल रहे।


इंटरनेट के सर्विस

इंटरनेट कई तरह के सर्विस या सेवा उपलब्ध करावे ला। इनहन में से मुख्य तीन गो नीचे दिहल जात बाड़ी स:

वर्ल्ड वाइड वेब

world wide web diagram
वल्ड वाइड वेब के एगो चित्र के रूप में इस्कीम

आम आदमी इंटरनेट आ वेब के एकही समझेला बाकी इन्हन में अंतर बाटे। वेब एगो सभसे ढेर इस्तेमाल में आवे वाली इंटरनेट सेवा हवे। वेबसाइट देखे खातिर अलग-अलग वेब ब्राउजर बनल बाटें जइसे की माइक्रोसॉफ्ट के इंटरनेट एक्सप्लोरर, गूगल के क्रोम, एपल के सफारी, ऑपेरा, मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स नियर ढेर सारा ब्राउजर बाने। इन्हन की मदद से देखे वाला आदमी पन्ना-दर-पन्ना जानकारी देख सकत बाटे जेवन एक दुसरा से हाइपरटेक्स्ट प्रोटोकॉल द्वारा जुड़ल होखे लें।

वर्ल्ड वाइड वेब ब्राउजर सॉफ्टवेयर, जइसे कि माइक्रोसॉफ्ट के इंटरनेट एक्स्प्लोरर/एज, मोजिला फायरफॉक्स, ऑपेरा, एप्पल के सफारी, आ गूगल के क्रोम वगैरह प्रयोगकर्ता लोग के ई सुबिधा देवे लें कि ऊ लोग एक वेब पन्ना से दुसरे वेब पन्ना पर हाइपरलिंक के माध्यम से आवाजाही क सके। ई हाइपरलिंक वेब पन्ना डाकुमेंट के हिस्सा होखे लें आ एक पन्ना से दुसरे ले जाए के कड़ी केरूप में उपलब्ध होखे लें। अइसन डाकुमेंट सभ में डेटा के अउरी दूसर कौनों तरह के कंबिनेशन भी हो सके ला जइसे कि साउंड, पाठ (टेक्स्ट), बीडियो, मल्टीमीडिया आ अउरी कौनों प्रकार के इंटरेक्टिव सामग्री जवन तब रन करे ले जब प्रयोगकर्ता एह कड़ी सभ के क्लिक करे लें या पन्ना के साथ इंटरेक्शन क रहल होखे लें। क्लायंट-साइड के सॉफ्टवेयर में एनीमेशन, गेम ऑफिस एप आ बैज्ञानिक डेमो वगैरह शामिल हो सके लें। कीवर्ड द्वारा संचालित होखे वाला इंटरनेट रिसर्च भी कइल जा सके ला जेकरा बदे कई गो इंटरनेट सर्च इंजन बाड़ें जइसे कि याहू!, बिंग, गूगल, आ डक-डक-गो। एह तरीका से प्रयोगकर्ता लोग के लगे अपार ऑनलाइन जानकारी तक ले तुरंता (इंस्टैंट) चहुँप संभव होखे ला। छपल किताब, ज्ञानकोश भा मीडिया के तुलना में वर्ल्ड वाइड वेब के इस्तेमाल जानकारी के बिकेंद्रीकरण (डीसेंट्रलाइजेशन) में बहुते गजब के काम कइले बा।

संचार

संचार या कम्यूनिकेशन एगो दुसरा प्रमुख सेवा बाटे जेवन इंटरनेट से मिलेला। ईमेल एगो संचार सेवा हवे।

डेटा साझा करना

इंटरनेट की मदद से ढेर सारा डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है।

इंटरनेट प्रयोगकर्ता

इंटरनेट के इस्तमाल में गजब के बढ़ती देखल गइल बा। साल 2000 से 2009 के बीच दुनियां में इंटरनेट प्रयोग करे वाला लोग के संख्या 394 मिलियन से बढ़ के 1.858 बिलियन हो गइल। साल 2010 में दुनिया के कुल जनसंख्या के 22 फीसदी लोग के लगे इंटरनेट तक पहुँच हो चुकल रहे आ एह समय ले 1 बिलियन गूगल सर्च रोज होखे लागल, 300 मिलियन प्रयोगकर्ता लोग ब्लॉग पढ़े लागल, आ 2 बिलियन बीडियो रोज यूट्यूब पर देखल जाए लागल। साल 2014 में दुनिया में इंटरनेट इस्तेमाल करे वाला लोग के संख्या 3 बिलियन या 43.6 प्रतिशत पहुँच गइल, लेकिन एह प्रयोगकर्ता लोग के दू-तिहाई हिस्सा धनी देसन से रहल, जहाँ 78.0 प्रतिशत यूरोपीय लोग आ उत्तर आ दक्खिन अमेरिका के 57.4 लोग इंटरनेट प्रयोगकर्ता बन गइल रहल लोग।

सुरक्षा

इंटरनेट के संसाधन सभ, जइसे कि एकरा से संबंधित हार्डवेयर आ सॉफ्टवेयर वाल अंग सभ, कई तरह के अपराधी या दुरभावग्रस्त कोसिस के निसाना बने लें। अइसन कोसिस के मकसद होला कि अबैध तरीका से इंटरनेट के संसाधन सभ पर कंट्रोल क लिहल जाव, फ्राड, धोखाधड़ी, ब्लैकमेल नियर घटना के अंजाम दिहल जाव या निजी जानकारी के गलत तरीका से हासिल कइल जा सके। अइसन चीज से बचाव करे के उपाय इंटरनेट सुरक्षा भा इंटरनेट सिक्योरिटी हवे।

मैलवेयर

साइबर अपराध के सभसे चलनसार तरीका मैलवेयर के इस्तेमाल हवे। मैलवेयर एक तरह के दुरभाव वाला भा खतरनाक रूप से नोकसान पहुँचावे वाला सॉफ्टवेयर होला। एह में कंप्यूटर वायरस, कंप्यूटर वर्म, रैनसमवेयर, बॉटनेट आ स्पाईवेयर सभ के सामिल कइल जाला। एह में से कुछ अइसन प्रोग्राम होलें जे अपना के खुद से कापी क के एक कंप्यूटर से दूसरा में फइले लें आ फाइल अ डेटा के नोकसान चहुँपावे लें। कुछ कंप्यूटर के लॉक क देलें आ बदला में फिरौती के माँग करे लें, कुछ अइसन होलें जे प्रयोगकर्ता के कामकाज के जासूसी करे लें।

सर्विलांस

कंप्यूटर सर्विलांस के ज्यादातर हिस्सा इंटरनेट पर डेटा आ ट्रैफिक के मॉनिटरिंग के रूप में होला।[1] अमेरिका में कानूनी रूप से ई प्राबिधान बा कि सगरी फोन काल आ ब्रॉडबैंड ट्रैफिक (ईमेल, वेब ट्रैफिक, इंटरनेट मैसेजिंग वगैरह) रियल-टाइम मॉनीटर कइल जा सके ला, ई काम फेडरल एजेंसी सभ के दायरा में आवे ला।[2][3][4] कंप्यूटर नेटवर्क पर डेटा के ट्रैफिक के मॉनिटरिंग के पैकेट कैप्चर कहल जाला। आसान रूप में समझावल जाय त कंप्यूटर सभ आपस में संबाद करे खाती मैसेज सभ के कई छोट-छोट टुकड़ा में बाँट के साझा करे लें जिनहन के पैकेट कहल जाला आ ईहे पैकेट नेटवर्क के जरिये एक जगह से दूसरा जगह ट्रांसफर होलें आ अपना लक्ष्य के जगह पर पहुँच के दुबारा एकट्ठा (असेंबल) हो के संदेस के रूप ले लेलें। पैकेट मॉनिटरिंग में इनहने के पकड़ल जाला जब ई नेटवर्क में जात्रा क रहल होलें। पैकेट कैप्चर अप्लायंस सभ द्वारा इनहन के पकड़ के अन्य प्रोग्राम सभ के मदद से इनहन के सामग्री के जाँच कइल जाला। पैकेट कैप्चर एक तरह से जानकारी के "एकट्ठा" करे के औजार होला न कि एकर "बिस्लेषण" करे वाला।[5]

पैकेट कैप्चर से एकट्ठा कइल भारी मात्रा में डेटा के अन्य सॉफ्टवेयर द्वारा बिस्लेषण कइल जाला, इनहन में कुछ खास शब्द भा वाक्य सभ के फिल्टर कइल जाला, कुछ खास संदेह वाली वेबसाइट वगैरह के पहुँच के बिस्लेषण कइल जाला।[6]

परफार्मेंस

देखल जाय तब इंटरनेट एगो हेटरोजीनस (बिबिधता भरल) नेटवर्क हवे आ एही कारन भौतिक लच्छन सभ, जिनहन में डेटा ट्रांसफर रेट भी शामिल बा, बहुत वैरी करे लें। इंटरनेट इमर्जेंट फेनामेना के उदाहरण हवे जे एकरे बड़हन-पैमाना के संगठन पर डिपेंड करे ला।[7]

ट्रैफिक

इंटरनेट पर केतना ट्रैफिक (आवाजाही) बाटे ई नापल एक किसिम के कठिन काम बाटे। काहें से कि कौनों अइसन सिंगल प्वाइंट लोकेशन ना बा जहाँ एकरा के नापल जा सके। इंटरनेट एगो मल्टी-टायर वाला आ गैर-हेरारकी वाला टोपोलॉजी वाला चीज हवे। एही से कौनों एगो ख़ास बिंदु ना मिले ला जहाँ से सारा ट्रैफिक गुजरत होखे आ नापल जा सके। तब फिर ट्रैफिक डेटा के अनुमान भर लगावल जा सके ला। ई एस्टीमेट टायर 1 नेटवर्क प्रोवाईडर के पीयरिंग प्वाइंट सभ के एग्रीगेट के आधार पर लगावल जाला, बाकी एह तरीका में बड़हन नेटवर्क प्रोवाईडर सभ के अंदरूनी ट्रैफिक के नापजोख ना संभव हो पावे ला।

आउटेज

इंटरनेट के गायब हो जाये भा डाउन हो जाए के घटना, जेकरा के इंटरनेट ब्लैकआउट कहल जाला, लोकल सिग्नलिंग में बेवधान के चलते हो सके ला। समुंद्र के भीतर मौजूद केबल सभ के खराबी के कारन बड़हन पैमाना पर इंटरनेट के बंदी हो सके ला चाहे स्लोडाउन हो सके ला। अइसन 2008 में घटना भइल रहल जब समुंद्री केबल सभ के क्षतिग्रस्त हो जाए से इंटरनेट बाधित भइल रहल। कम बिकसित देसन के इंटरनेट डाउन होखे के खतरा बेसी रहे ला काहें से की एहिजे हाई कैपसिटी वाली लिंक के संख्या कम बाटे। जमीन के भीतर बिछल केबल सभ के नोकसान पहुँचे पर अइसन हो सके ला। एगो घटना आर्मीनिया में देखल गइल रहे जब एगो औरत गलती से कबाड़ खनत समय केबिल के नोकसान पहुँचा दिहले रहल आ एकरा चलते लगभग पूरा आर्मेनिया में इंटरनेट ठप हो गइल रहे।[8] पूरा देस ब्यापी इंटरनेट ठप होखे के घटना सरकारी तौर पर भी हो सके ले अगर सरकार द्वारा इंटरनेट के सेंसर कई दिहल जाय। अइसन घटना मिस्र में देखे में आइल जब देस के लगभग 93%[9] oनेटवर्क सभ 2011 में ठप क दिहल गइल रहलें जवना से कि सरकार बिरोधी परदरशन पर रोक लगावल जा सके।[10]

एनर्जी के इस्तेमाल

इंटरनेट चलावे में केतना बिजली खर्चा होले एकर अनुमान सभ बहुत बिबाद के बिसय रहल बाड़ें। एगो पियर-रिव्यू जर्नल में छपल रिसर्च-पेपर में 2014 में पछिला एक दशक में छपल लगभग 20,000 के आसपास सामग्री के आधार पर बिजली के खर्चा के आँकड़ा में भारी अंतर देखल गइल आ ई 0.0064 किलोवाट घंटा प्रति गीगाबाइट ट्रांसफर (kWh/GB) से ले के 136 kWh/GB तक के बीचा में अलग-अलग दर्ज कइल गइल।[11] रिसर्च करे वाला लोग एह गड़बड़झाला खातिर मुख्य रूप से संदर्भ के साल के कारन मानल (जइसे कि, एनर्जी एफिशेंसी के कवना तरीका से गिनती में लिहल गइल बा, समय के साथ एह में होखे वाला सुधार के कइसे गिनल गइल बा) आ "अंतिम माथ पर स्थित पर्सनल कंप्यूटर आ सर्वर सभ के गिनती" एह बिस्लेशन में सामिल बा की ना।[11]

साल 2011 में एकेडमिक रिसर्चर लोग ई अनुमान लगावल कि इंटरनेट चलावे में खर्चा होखे वाली कुल एनर्जी 170 से 307 GW के बीचा में बाटे जे पूरा मानव जाति द्वारा इस्तेमाल होखे वाली कुल एनर्जी के दू प्रतिशत से कम बाटे। एह इस्टीमेट में जरूरी चीजन के निर्माण, संचालन आ समय-समय पर लगभग 7500 लाख लैपटाप आ एक अरब स्मार्टफोन अउरी 1000 लाक सर्वर सभ के रिप्लेस करे में खर्चा एनर्जी, राउटर आ सेलफोन टावर, ऑप्टिकल स्विच में, वाईफाई ट्रांसमीटर में आ क्लाउड स्टोरेज में होखे वाला सगरी एनर्जी खर्चा के सामिल कइल गइल रहल।[12][13] एगो बिना पियर-रिव्यू वाले प्रकाशन में 2018 में छपल दि शिफ्ट प्रोजेक्ट (कार्पोरेट स्पांसर्ड फ्रांसीसी थिंक टैंक) में बैस्विक डेटा ट्रांसफर आ जरूरी इंफ़्रास्ट्रक्चर के दुनिया के कुल बैस्विक CO2 एमिशन के लगभग 4% हिस्सेदारी के जानकारी दिहल गइल।[14] एह अध्ययन में इहो बतावल गइल की एह तरीका के डेटा ट्रांसफर में सभसे बेसी लगभग 60% हिस्सेदारी बीडियो स्ट्रीमिंग के रहल जे लगभग 300 मिलियन टन सालाना CO2 एमिशन खाती जिम्मेदार बा, आ तर्क दिहल गइल कि नया "डिजिटल सोबर बेहवार" में बीडियो फाइल के साइज आ ट्रांसफर पर रेगुलेशन के जरूरत बाटे।[15]

इहो देखल जाय

संदर्भ

  1. Diffie, Whitfield; Susan Landau (अगस्त 2008). "Internet Eavesdropping: A Brave New World of Wiretapping". Scientific American. Retrieved 2009-03-13.
  2. "CALEA Archive – Electronic Frontier Foundation". इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट). Archived from the original on 2008-10-25. Retrieved 2009-03-14.
  3. "CALEA: The Perils of Wiretapping the Internet". इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट). Archived from the original on 16 मार्च 2009. Retrieved 2009-03-14.
  4. "CALEA: Frequently Asked Questions". इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन (वेबसाइट). Archived from the original on 1 मई 2009. Retrieved 2009-03-14.
  5. "American Council on Education vs. FCC, Decision, United States Court of Appeals for the District of Columbia Circuit" (PDF). 9 जून 2006. Archived from the original (PDF) on 7 सितंबर 2012. Retrieved 8 सितंबर 2013.
  6. Hill, Michael (11 अक्टूबर 2004). "Government funds chat room surveillance research". USA Today. Associated Press. Archived from the original on 11 मई 2010. Retrieved 2009-03-19.
  7. Albert, Réka; Jeong, Hawoong; Barabási, Albert-László (9 September 1999). "Diameter of the World-Wide Web". Nature. 401 (6749): 130–131. arXiv:cond-mat/9907038. Bibcode:1999Natur.401..130A. doi:10.1038/43601. S2CID 4419938.
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बाहरी कड़ी