(Go: >> BACK << -|- >> HOME <<)

VIP इंटरव्यू
सवाल- क्या भाजपा से ठाकुर नाराज हैं:राजा भैया बोले- इससे इनकार नहीं किया जा सकता; अखिलेश से तल्खियां दूर हुईं
प्रतापगढ़25 दिन पहलेलेखक: उज्जवल सिंह/रवि श्रीवास्तव
  • कॉपी लिंक

भाजपा से ठाकुरों की नाराजगी के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को मिलने का बुलावा भेजा। 15 दिन पहले बेंगलुरु में दोनों की मुलाकात हुई। माना गया कि बिना शर्त भाजपा को समर्थन देते आ रहे राजा भैया इस बार भी पक्ष में खड़े होंगे

.

आखिर यह स्टैंड क्यों? दैनिक भास्कर ने राजा भैया से सवाल किया। उन्होंने कहा- जब गठबंधन ही नहीं है, तो समर्थक किसी को भी वोट कर सकते हैं। ठाकुरों की भाजपा से नाराजगी और अखिलेश से तल्खियों पर भी उन्होंने खुलकर बात की।

पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

सवाल- 2018 में पार्टी बनाई, इस चुनाव में कोई प्रत्याशी नहीं, वजह?
जवाब-
2018 में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के गठन के सिर्फ 6 महीने बाद ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए। इसमें हमने 2 सीट कौशांबी और प्रतापगढ़ में प्रत्याशी उतारे। हम जीते नहीं, लेकिन प्रदर्शन अच्छा रहा।

सवाल- राज्यसभा, विधान परिषद चुनाव में भाजपा की मदद की, गठबंधन की उम्मीद थी?
जवाब-
इस पर सिर्फ इतना कहना है कि जब गठबंधन नहीं हुआ तो चुनाव नहीं लड़ाने का निर्णय लिया। इस विषय पर हम अपनी बात यही समाप्त करना चाहते हैं।

सवाल- राजा भैया का सपोर्ट किधर है?
जवाब-
इसको जानने के लिए आपको क्षेत्र में जाना होगा। कार्यकर्ता सम्मेलन में हमने कह दिया है कि पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं है, किसी से गठबंधन भी नहीं है, तो जिसे जहां वोट देना हो, दे सकता है।

सवाल- बेंगलुरु में शाह से मुलाकात, आपके घर भाजपा नेताओं का आना, क्या गृहमंत्री से मुलाकात इसी संदर्भ में थी?
जवाब-
स्वाभाविक है कि चुनाव के समय में जब कोई आता है, तो समर्थन के लिए ही आता है। भाजपा के भी लोग आए और अन्य दलों के लोगों का भी आना हुआ, लेकिन हमारा निर्णय अटल है।

सवाल- चर्चा है कि भाजपा से ठाकुर नाराज हैं? क्या आपके जरिए डैमेज कंट्रोल की कोशिश?
जवाब-
नाराजगी की जानकारी मीडिया और समाज के लोगों के जरिए सामने आई। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि नाराजगी नहीं थी, उसके कई कारण भी थे। मेरी गृहमंत्री जी से जो भी बात हुई, उसमें इस विषय पर कोई बात नहीं हुई।

सवाल- अगर नाराजगी थी तो क्या वह जायज थी?
जवाब-
कई क्षेत्र हैं, जैसे-राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी यूपी, जहां से नाराजगी की बात सामने आई थी। अब मीडिया से ही जानकारी मिल रही है कि नाराजगी काफी हद तक दूर हो चुकी है। मगर नाराजगी थी, इससे इनकार नहीं कर सकता। 4 तारीख को परिणाम आने हैं, वो खुद ही सब स्पष्ट कर देंगे।

राजा भैया ने कहा- पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं है। जिसको जहां वोट देना हो, दे सकता है।
राजा भैया ने कहा- पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं है। जिसको जहां वोट देना हो, दे सकता है।

सवाल- बृजभूषण, धनंजय फिर आपसे बात की गई। क्या बड़े ठाकुर नेताओं को मैनेज करने की कोशिश है?
जवाब-
मैं इसको नहीं मानता हूं, आपने जो 3 नाम लिए उनके अलावा भी बिरादरी के कई नेताओं से बात हुई होगी, कोई जरूरी थोड़े ही है कि हम ही तीन लोगों से बात हुई हो।

सवाल- सपा के साथ लंबे समय तक रहें। भाजपा के साथ भी रहे, तब की भाजपा और अब की भाजपा में क्या अंतर देखते हैं?
जवाब-
काफी समय से मैं भाजपा के साथ नहीं हूं। हां, भाजपा को जब भी आवश्यकता हुई, चाहे वो राष्ट्रपति चुनाव हो, राज्यसभा-विधान परिषद का हो, हमसे वोट मांगा। हमने हर बार बिना किसी शर्त, कीमत और आश्वासन के उन्हें वोट दिया, हमारी भूमिका इतनी ही थी।

सवाल- सपा में आप कई बार मंत्री रहे हैं। इस चुनाव में आपने कार्यकर्ताओं को फ्री छोड़ दिया? आपको क्या लगता है कि भाजपा से बेहतर सपा थी?
जवाब-
नहीं...इसको मैं नहीं कह सकता, ये अपने-अपने नजरिए पर निर्भर करता है। दूसरी बात आपने जो कहा कि कार्यकर्ताओं को फ्री छोड़ दिया है, तो इस पर ये कहना है कि इस चुनाव में न तो हमारा किसी से गठबंधन है और न ही हमारा कोई प्रत्याशी मैदान में है।

सवाल- 2022 में अखिलेश ने कुंडा में आकर बयान दिया कि कुंडी लगा देंगे, इसके बाद आपकी काफी तल्खियां बढ़ीं, इस चुनाव में क्या सीन है?
जवाब-
उनसे जो तल्खियां थीं, जो कटुता आई थी, वो पूरी तरह से दूर हो चुकी हैं। बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुधि लेइ।

सवाल- 1993 से लगातार विधायक हैं, लेकिन आज तक आप लोकसभा चुनाव नहीं लड़े, क्या वजह रही?
जवाब-
आपने कभी पहले सलाह नहीं दी, आगे विचार करेंगे। सही बात ये है कि स्टेट पॉलिटिक्स में ही ज्यादा रुचि रही। हां, जब भी मौका मिला जैसे डॉ. राम विलास वेदांतीजी, अक्षय प्रताप सिंह, शैलेंद्र सरोज को जिताकर लोकसभा भेजा।

सवाल- जौनपुर में धनंजय सिंह को जेल भेजा गया, उनकी पत्नी का बसपा से टिकट कट गया, क्या आप मानते हैं भाजपा साम-दाम-दंड-भेद की राजनीति कर रही है?
जवाब-
आप जो बात कर रहे हैं, जिसके बारे में बात कर रहे हैं, इस विषय में उन्हीं से पूछें वही बेहतर जानकारी दे पाएंगे, हमको इस विषय की जानकारी नहीं है।

सवाल- बात कैसरगंज में हुई, बस्ती में एक ठाकुर नेता से हुई, जौनपुर में हुई, आपसे भी हुई, लेकिन आप न्यूट्रल हो गए, इसकी वजह?
जवाब-
दल कोई भी हो, विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का, पार्टी को छोड़ना नई पार्टी में जाना, ये चुनाव की सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा नहीं है कि 2024 में ये पहली बार हो रहा है। न्यूट्रल होना मेरा फैसला था।

राजाभैया ने कहा- बुलडोजर नीति की पूरे देश में सराहना हुई।
राजाभैया ने कहा- बुलडोजर नीति की पूरे देश में सराहना हुई।

सवाल- बृजभूषण हों, धनंजय हों या आप, नाम के आगे बाहुबली शब्द लगा है, इस शब्द के मायने क्या हैं?
जवाब-
शाब्दिक अर्थ की बात करें तो जिसकी भुजाओं में बल हो वो बाहुबली कहलाता है, लेकिन अब इस शब्द के मायने विकृत हो गए। अब जो अपराधजीवी हैं, इससे धनार्जन करते हैं, जीविकोपार्जन करते हैं, उनके लिए यह शब्द इस्तेमाल होने लगा है। अगर जनता के मुद्दों पर संघर्ष करने के लिए इस शब्द का उपयोग किया जाए तो ये शब्द अच्छा है।

सवाल- इस चुनाव में राजा भैया का वोट किधर जा रहा है?
जवाब-
मैंने पहले भी कहा है कि केवल 2 सीटों पर ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी में, जहां भी पार्टी के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, शुभचिंतक हैं, सभी को मैंने कहा है- वह किसी को भी वोट करने के लिए स्वतंत्र हैं। इस चुनाव में मेरे कई कार्यकर्ता आपको भाजपा के साथ भी दिखेंगे, सपा व अन्य दलों के साथ भी।

सवाल- क्या भाजपा से आपकी कोई तल्खी हो गई?
जवाब-
कोई नाराजगी नहीं है। लेकिन आप खुद ही सोचिए न, हम एक दल हैं, विधानमंडल में हम 2 राष्ट्रीय दलों कांग्रेस और बसपा से बड़ी हैसियत में हैं। हमारे 3 सदस्य हैं। जब किसी दल से कोई गठबंधन नहीं हुआ तो क्या हम ऐसे ही किसी दल का प्रचार करना शुरू कर दें।

सवाल- आप सीएम योगी के करीबी माने जाते हैं, उन पर विपक्ष आरोप लगाता है कि अपराध पर कार्रवाई समान रूप से नहीं होती, भेदभाव होता है?
जवाब-
मुझे लगता है कि जो दोषी हैं, सबके ऊपर समान रूप से कार्रवाई हो रही है। मुझे नहीं लगता कि कोई भेदभाव हुआ है।

सवाल- बुलडोजर नीति से कितने सहमत हैं?
जवाब-
बुलडोजर नीति की पूरे देश में सराहना हुई। बुलडोजर वहां चले हैं, जहां अवैध निर्माण हुए हैं, कब्जे हुए हैं। हम इस कार्रवाई से पूरी तरह से सहमत हैं।

सवाल- अखिलेश से आपकी दूरियां कम हुईं, तो क्या आगे आप राजनीति में साथ आ सकते हैं?
जवाब-
समय आने पर ये बताया जाएगा और अगर दूरियां कम हुई हैं, तो ये अच्छी बात है, इसमें क्या बुराई है। सब आज ही पूछ लेंगे तो आगे क्या बचेगा।

ये VIP इंटरव्यू भी पढ़िए..

VIP इंटरव्यू हेमा मालिनी बोलीं- मोदी-शाह का कॉम्बिनेशन जय-वीरू जैसा:गब्बर कौन है... ये अभी छोड़िए; मथुरा की बारी भी आएगी

VIP इंटरव्यू लंदन से लौटीं इकरा बोलीं-मैं किसी से नहीं डरती:भाजपा वालों को हम पहले भी हरा चुके हैं, टिकट के लिए नाम जयंत ने आगे बढ़ाया

VIP इंटरव्यू जितिन प्रसाद बोले- वरुण गांधी से किस बात की बातचीत?:वक्त बताएगा कि पीलीभीत किसका गढ़ और क्या है..? यहां हमारी खेती है, बाहरी तो अखिलेश हैं

VIP इंटरव्यू केशव मौर्य बोले-भ्रष्टाचारियों की ठीक से कारसेवा होगी:भाजपा हारने के लिए मुस्लिमों को टिकट नहीं देगी, मैं गुंडा नहीं आंदोलनकारी हूं

VIP इंटरव्यू रामायण के 'राम' को राजनीति में क्यों आना पड़ा:अरुण गोविल बोले- मैंने भाजपा से टिकट नहीं मांगा, उन्होंने खुद दिया


LockIcon
Content blocker

अधूरा नहीं! पढ़िए पूरा! पढ़ें पूरी खबर दैनिक भास्कर ऐप पर

DB QR Code
ऐप डाउनलोड करने के लिए QR स्कैन करेंDownload android app - Dainik BhaskarDownload ios app - Dainik Bhaskar
पूरी खबर पढ़ें ऐप परप्रीमियम मेंबरशिप है तो लॉगिन करें

UP Lok Sabha Election Results LIVE

Today Weather Update

Our Group Site Links