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क्रिकेट: टी-20 क्रिकेट में बदलाव की दरकार, भारत से हो शुरुआत

Vinod Patahk विनोद पाठक
Updated Mon, 27 May 2024 03:24 PM IST
सार

टी-20 क्रिकेट को करीब 21 साल हो चुके हैं। इसकी शुरुआत भी क्रिकेट की जन्मभूमि इंग्लैंड से हुई है। वहां 13 जून 2003 को पहला टी-20 मैच खेला गया था, जिसे भरपूर दर्शक मिले थे। धीरे-धीरे यह पूरे क्रिकेट जगत में फैल गया और वर्ष 2007 में टी-20 का वर्ल्ड कप खेल लिया गया, जो भारत ने जीता।

t20 cricket strategy what wo need to change in it
कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम सनराइजर्स हैदराबाद लाइव स्कोर - फोटो : IPL
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विस्तार
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एक बेहद नीरस और उबाऊ फाइनल मुकाबले के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 16वां संस्करण समाप्त हो गया। बड़ा प्रश्न यह उठता है कि क्या आईपीएल के मौजूदा फॉर्मेट को जारी रखा जाना चाहिए? क्योंकि क्रिकेट प्रेमियों की रुचि 20-20 ओवर के फॉर्मेट से कम होती जा रही है।



मौजूदा आईपीएल टूर्नामेंट दो महीने से अधिक समय तक चला तो यह अपनी ओर बहुत अधिक लोगों को आकर्षित नहीं कर पाया। विगत चार से अधिक शताब्दियों से क्रिकेट ने कई बड़े बदलाव देखे हैं। टी-20 फॉर्मेट में बदलाव की शुरुआत अब भारत की भूमि से की जा सकती है।
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टी-20 क्रिकेट को करीब 21 साल हो चुके हैं। इसकी शुरुआत भी क्रिकेट की जन्मभूमि इंग्लैंड से हुई है। वहां 13 जून 2003 को पहला टी-20 मैच खेला गया था, जिसे भरपूर दर्शक मिले थे। धीरे-धीरे यह पूरे क्रिकेट जगत में फैल गया और वर्ष 2007 में टी-20 का वर्ल्ड कप खेल लिया गया, जो भारत ने जीता। अगले ही साल 2008 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल की शुरुआत कर दी। हालांकि, अब टी-10 क्रिकेट भी कई क्लब खेल रहे हैं।

वनडे और टी-20 में बदलाव की जरूरत

आईपीएल को भी अपने 18वें संस्करण को और रोमांचकारी बनाने की जरूरत है। बीसीसीआई टी-20 को टी-12 में बदलकर नई राह दिखा सकता है। इस फॉर्मेट में 11-11 खिलाड़ी ही हों। एक बॉलर अधिकतम 3 ओवर फेंके। एक ओवर में तीन बाउंसर फेंकने की परमिशन हो। बाउंड्री को थोड़ा छोटा किया जाए। बाकी नियम यथावत रखे जाएं। इससे एक तो समय की बचत होगी, दूसरा एक दिन में दो से अधिक मैच कराए जा सकेंगे। क्रिकेट का रोमांच बढ़ेगा।


वनडे क्रिकेट के फॉर्मेट में बदलाव का समय भी आ गया है। मौजूदा 50 ओवर के वनडे मैच को 30 ओवर तक सीमित किया जाना चाहिए। एक गेंदबाज अधिकतम 6 ओवर फेंके। रनआउट के एक नियम में बदलाव हो, जिसमें बल्लेबाज के शॉट मारने पर बॉल इत्तेफाक से गेंदबाज की उंगलियों या पैर को छूकर विकेट में लगती है और दूसरे छोर का बल्लेबाज आउट हो जाता है। यह नियम क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से बाहर किया जाए।

क्रिकेट की जन्मभूमि इंग्लैंड है। वहां 450 या 1066 ईस्वी में क्रिकेट की शुरुआत हुई, लेकिन वयस्कों के क्रिकेट खेलने का पहला प्रमाण साल 1611 में मिलता है, तब इसे लड़कों के खेल के रूप में परिभाषित किया जाता था। हालांकि, क्रिकेट के नियम साल 1744 में आए। तब दोनों कप्तानों को दो अंपायर चुनने का अवसर मिला। स्टांप की ऊंचाई 22 इंच कर दी गई। स्टंप्स की बेल्स का साइज 6 इंच रखा गया। गेंद का वजन 5 से 6 औंस के बीच था। पिच को 22 गज रखा गया।

उस समय बल्ले के आकार और रूप को लेकर कोई पाबंदी नहीं थी, लेकिन 30 साल बाद साल 1774 में बल्ले को सीधा कर दिया गया। बल्ले की चौड़ाई 4 इंच कर दी गई। एलबीडब्ल्यू का नियम लागू कर दिया गया। तभी तीन स्टांप की शुरुआत हुई और हवा में गेंद को लहराकर फेंकने का चलन शुरू हुआ।

कभी 4 गेंदों का था एक ओवर

टेस्ट मैच क्रिकेट की शुरुआत साल 1877 में हुई। उस समय चार दिनों में मैच समाप्त हो जाता था और हर ओवर में चार गेंद होती थीं, साल 1889 में एक ओवर में 5 गेंदें कर दी गईं, लेकिन साल 1990 में 6 गेंदों का ओवर होने लगा, जो अब तक चल रहा है। टेस्ट मैच को भी पांच दिन का कर दिया गया। 19वीं सदी में व्हाइड बॉल का नियम आया। गेंद का सटीक व्यास आया। हाथ के दस्ताने, हेलमेट का प्रयोग शुरू हुआ। बाउंड्री की शुरुआत हुई। ओवर आर्म बॉलिंग को जायज ठहराया गया।
इत्तेफाक से शुरू हुआ वनडे क्रिकेट
वनडे क्रिकेट की शुरुआत इत्तेफाक से हुई। दरअसल, 5 जनवरी 1971 को ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच मेलबर्न में टेस्ट मैच खेला जा रहा था, लेकिन पहले तीन दिन बारिश के कारण खराब हो गए तो दोनों टीमों के बीच 40-40 ओवर का एक दिवसीय मैच खेलने का निर्णय लिया गया है, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने पांच विकेट से जीता। शुरुआत में 60-60 ओवर का वनडे हुआ। फिर इसे कभी 40, कभी 45 तो कभी 55 ओवर का रखा गया, लेकिन अंततः वनडे मैच को 50 ओवर का कर दिया गया, जो अब तक जारी है।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पहला इंटरनेशनल क्रिकेट मैच साल 1844 में अमेरिका और कनाडा के बीच टोरंटो में खेला गया था, जिसे कनाडा ने जीता। साल 1862 में पहली बार इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई।
भारत में क्रिकेट
भारत में क्रिकेट 18वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी लेकर आई। वर्ष 1792 में कोलकाता में क्रिकेट क्लब का निर्माण हुआ, तब से लेकर अब तक क्रिकेट भारत का मुख्य खेल बन चुका है। कभी यह अभिजात्य वर्ग का खेल था, लेकिन आज आम भारतीय का बच्चा भी क्रिकेट में नाम रोशन कर रहा है। वर्ल्ड क्रिकेट में भारत का सिक्का चलता है। हमारा क्रिकेट बोर्ड दुनिया में सबसे अमीर है और हमारी बात का वजन सबसे अधिक है। इसलिए क्रिकेट में और बदलावों की शुरुआत भारत से ही होनी चाहिए।


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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदाई नहीं है। अपने विचार हमें blog@auw.co.in पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें।
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